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हारे का सहारा बाबा श्याम हमारा: खाटू श्याम जी

हारे का सहारा बाबा श्याम हमारा: खाटू श्याम जी

भारत की पावन भूमि पर अनगिनत आस्था के केंद्र हैं, और उन सबमें एक अत्यंत विशेष स्थान है खाटू श्याम जी का। इनका नाम सुनते ही श्रद्धा और भक्ति का भाव स्वतः ही जाग उठता है। जिन्हें हारे का सहारा, तीन बाणों के धारी, और महाभारत काल के वीर योद्धा बर्बरीक के नाम से जाना जाता है, वे ही आज बाबा श्याम के रूप में पूजे जाते हैं।

महाभारत से खाटू तक की यात्रा
महाभारत काल में बार्बरीक भीम के पौत्र थे और अपार शक्ति के स्वामी थे। श्रीकृष्ण से मिले वचन के अनुसार उन्होंने अपना शीश दान कर दिया था। उनकी यह भक्ति और त्याग देखकर श्रीकृष्ण ने उन्हें वरदान दिया कि कलियुग में वे उनके नाम श्याम से पूजे जाएंगे। यही कारण है कि आज खाटू श्याम जी को श्रीकृष्ण का ही रूप माना जाता है।

खाटू श्याम मंदिर का महत्व
राजस्थान के सीकर जिले के खाटू नगर में स्थित यह मंदिर हर साल लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बनता है। मान्यता है कि जो भी व्यक्ति सच्चे दिल से बाबा श्याम के दर्शन करता है और पूजा करता है, उसकी हर पीड़ा दूर हो जाती है। बाबा श्याम अपने भक्तों की हर पुकार सुनते हैं और उन्हें राहत प्रदान करते हैं।

कैसे पहुँचें खाटू श्याम?
खाटू पहुँचने के लिए सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन है रिंगस स्टेशन। वहीं नजदीकी बड़ा शहर है जयपुर, जो खाटू से लगभग 70 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। अगर आप बाबा श्याम के दर्शन करने का मन बना रहे हैं, तो आप पहले जयपुर या रिंगस पहुँचकर वहाँ से खाटू पहुँच सकते हैं।

श्रद्धा की भेंट: निशान और चूरमा
बाबा श्याम को भक्त निशान चढ़ाते हैं और चूरमा अर्पित करते हैं। हर साल देवउठनी एकादशी को बाबा श्याम का जन्मोत्सव बड़े हर्षोल्लास से मनाया जाता है। इस दिन दूर-दूर से श्रद्धालु खाटू आकर भव्य शृंगार और भजन कीर्तन के साथ बाबा का जन्मदिन मनाते हैं।

निष्कर्ष:
बाबा श्याम केवल एक नाम नहीं, एक विश्वास हैं, एक संबल हैं, हर उस व्यक्ति के लिए जो मुश्किलों से जूझ रहा है। यदि आप भी जीवन में शांति, सुख और समाधान की तलाश में हैं, तो एक बार खाटू श्याम जी के दरबार में जरूर आइए।

जय श्री श्याम!

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